Jaray Ka Math Baruasagar

जराय का मठ बरुआ सागर | Jaray ka Math Barua Sagar

बुंदेलखंड के सभी स्थापत्यों विशेषकर खजुराहो के मदिरों की झलक एक जगह पा सकते हैं। इसके लिए आपको जराय (Jaray ka Math Barua Sagar) के मठ जाना होगा। ये एक मात्र ऐसा मंदिर है जिसमें आपको खजुराहो के मंदिरों की कला के दर्शन हो सकते हैं। ये मंदिर बुंदेलखंड में पायी जाने वाली सभी मूर्तिकला व स्थापत्यकला का बेजोड़ नमूना है।

बाहर से तो ये वीरान सा देखने देखता है। मगर अंदर जाने पर ये स्मारक आपको घंटों अपने पास रुकने के लिए मजबूर कर देगा। इस ऐतिहासिक स्मारक में पत्थर पर तराशी गयीं मूर्तियाँ कला आपको चकित कर देगा।

Mueen Akhtar painting in Jaray Ka Math Barua Sagar

यहाँ कैसे पहुँचे?

  • जराय का मठ (Jaray ka Math Barua Sagar) उत्तर प्रदेश के झाँसी ज़िले से लगा एक छोटे सा क़स्बा बरसागर में स्थित है।
  • यह मंदिर झाँसी से 25 किलोमीटर झाँसी-खजुराहो मार्ग पर स्थित है।
  • इस मदिर के बग़ल से ही झाँसी-खजुराहो राष्ट्रीय राजमार्ग NH 39 निकला हुआ है।
  • ये हाइवे बड़े ही आराम से व जल्दी आपको झाँसी से जराय का मठ मंदिर पहुँचा देगा।
  • अगर आप झाँसी से आ रहे है तो यहाँ पहूँच ने के लिए आपके पास दो मार्ग हैं।
  • पहला मार्ग झाँसी बस स्टैंड से सीधा मऊरानीपुर वाला मार्ग है।
  • ये मार्ग आपको भगवंतपूरा होते हुए ओरछा तेगेला पर हाइवे से मिला देगा।
  • दूसरा मार्ग थोड़ा सा लम्बा है। ये मार्ग  बस स्टैंड से मेडिकल होते हुए कानपुर हाइवे वाला है।
  • मेडिकल से निकल के कानपुर रोड पकड़ना है। फिर यहाँ से कोछाभँवर पार करते ही एक बड़ा सा फ़्लाईओवर मिलेगा।
  • इस फ़्लाई ओवर से बायीं ओर आपको चलना पढ़ेगा। इस फ़्लाइओवर पर आकर आप झाँसी-खजुराहो हाइवे ३९ पर आ जाएँगे।

बेतवा नदी और जराय का मठ (Jaray ka Math Barua Sagar)

रास्ते में आपको बेतवा नदी भी मिलेगी। इस नदी पर दो पुल बने हुए हैं। एक नोटघाट का पुल जोकि बहुत पुराना है। दूसरा पुल एन एच ३९ पर नया बना है। यह नया ब्रिज भी बहुत शानदार है। इसको पार करते ही कुछ किलो मीटर निकलते ही आपको जराय के मठ मंदिर के दर्शन होने लगते हैं।

अच्छी बात ये है कि इसको देखने के लिए हमें बरुआसागर शहर के अंदर जाने की भी ज़रूरत नहीं। झाँसी से जाने पर ये बरुआसागर में प्रवेश करते ही आपका स्वागत करता हुआ देखाई देता है ।

जराय के मठ मंदिर का इतिहास

जराय का मठ, लक्ष्मी जी का मंदिर है। इसका निर्माण गुर्जर-प्रतिहार शासन के समय में हुआ है। वैसे तो इस मंदिर को बनाने वाले का नाम कहीं प्रमाणित नहीं मिलता। फिर भी कुछ लोग मानते हैं कि इसका निर्माण गुर्जर-प्रतिहार शासक मिहिर भोज ने करवाया था।

इस मंदिर का निर्माण काल लगभग 860 ई पू का माना जाता है। बुंदेलखंड में पाए जाने वाले प्राचीनतम मंदिरों में से एक मंदिर ये भी है। देवगढ़ के मंदिर, चाँदपुर के मंदिर व खजुराहो के मंदिरो के समान ये मंदिर भी अपना इतिहासिक महत्व रखता है।

Watch Jaray Ka Math virtually through this video

मंदिर की वास्तुकला

वास्तुकला के लहाज से ये मंदिर वास्तुकला का बेजोड़ उदाहरण है। जराय का मठ मंदिर देवी लक्ष्मी का मंदिर है। माना जाता है कि इनके ही विविध रूपों को मंदिर की दीवारों पर दर्शाए गए हैं। अगर मंदिर के नाम जराये की बात करे तो ये नाम महाभारत काल की यक्षिणी “जरा” के नाम से लिया गया है। यह मंदिर खजुराहो के मंदिरों के समान ही बना है। यह मंदिर गुर्जर-प्रतिहार कालीन पंचरथ शैली में बना है।

पंचरथ शैली

  • पंचरथ शैली को पंचायतन शैली भी कहते हैं।
  • इसमें एक ही मंदिर में पाँच गर्भगृह या सहायक मंदिर होते हैं। मध्य में मुख्य गर्भगृह या मंदिर होता है।
  • मुख्य मंदिर के चारों ओर सहायक गर्भगृह होते हैं।
  • इस मंदिर के परिसर में बने आगे के दो मंदिर नष्ट हो चुके हैं।
  • मगर पीछे के दो सहायक गर्भ गृह या मंदिर अब भी मौजूद हैं। इन मंदिरों मे कोई प्रतिमा नहीं है।
  • लेकिन बाहरी हिस्से पर बनी नाग बल्लियों का सुंदर और कलात्मक प्रदर्शन आकर्षण का मुख्य केंद्र है।
  • ये दो मंदिर सिद्ध करते हैं कि जराय का मठ मंदिर पंचरथ शैली का है।

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मंदिर का मुख्य गर्भगृह

मदिर के मुख्य गर्भगृह में लक्ष्मी जी की मूर्ति नष्ट हो चुकी है। सिर्फ़ वेदी और कमल के डंठल पर रखा एक महिला का रत्नजड़ित दाहिना पैर ही बचा है। बाक़ी इसके सीलिंग पर बहुत ही शानदार नक़्क़ाशी की गयी है। पत्थर पर इतना शानदार काम देख के यक़ीन नही होता कि कैसे इसे बनाया गया होगा। इसको सपोर्ट किए हुए चारों ओर के पिलर या स्तम्भ भी देखने लायक़ हैं। एक सॉलिड पत्थर पर कंगूरे, बेल बूटे, भगवान कुबेर के कई प्रकार के चेहरे व कलश देखने योग्य है।

मंदिर का मुख्य द्वार भाग

मंदिर के सामने के भाग का भाग बहुत ही भव्य है। मंदिर का फ़्रंट या प्रवेश द्वार का अलंकरण शानदार है। छोटे से दरवाज़े पर लाजवाब नक़्क़ाशी की गयी है। ये अपने समय में एक भव्य इमारत रही होगी। प्रवेश द्वारा पर सोलह भुजाओं वाली देवी की मूर्ति है। इससे पता चलता है की ये मंदिर देवी को समर्पित है। इसके अलावा द्वार पंचशाखाओं में बना है। इन शाखाओं में गंधर्व शाखा, मिथुन शाखा, स्तम्भ शाखा, देव शाखा और पत्र लता शाखा का सुंदर अलंकरण किया गया है।

दरवाजे के ऊपर द्वार पर चार पंक्तियों में विभक्त सरदल है। सबसे ऊपर की पंक्ति में पांच देवियों को नृत्य की मुद्रा में दिखाया गया है। दूसरी पंक्ति में आठ द्वार पाल जिन्हें दिग्पाल भी कहा जाता है। इसी पंक्ति मे दो वराहों को एक दूसरे की ओर मुंह किये दर्शाया गया है। जबकि इसके नीचे की पंक्ति में ब्रहमा,विष्णु और महेश को उकेरा गया है। चौथी और आखिरी पंक्ति में छह देवियों को दिखाय गया है। इन देवियों में मां लक्ष्मी और माहेश्वरी शामिल हैं। द्वार के नीचे के पैनल में मकरवाहिनी गंगा व दूसरी नदी कर्मवाहनी यमुना और नारी द्वारपालों की मूर्तियाँ हैं।

खजुराहो के समान कामुक मूर्तियाँ भी आपको देखने को मिल जाएँगी। मंदिर के ऊपरी भाग में छोटे छोटे गवाक्ष बने हुए हैं। जिसके ऊपर का तिहाई भाग नष्ट हो चुका है।

अन्य बाहरी भाग

  • मंदिर का बाहरी भाग बहुत ही आकर्षक व ख़ूबसूरत है। बाहरी भागों में चारों ओर मूर्तियां हैं।
  • इनमें आठ दिग्पाल इन्द्र, अग्नि, वायु, वरुण, कुबेर, ईशान, यम और नैऋति हैं।
  • भगवान विष्णु, शिव भी आपको देखने को मिल जाएँगे।
  • यहाँ रथिकाओं में गजलक्ष्मी, महेश्वरी, सरस्वती, चक्रेश्वरी, पार्वती एवं दुर्गा शस्त्रों सहित उकेरी गयीं हैं।
  • इसके अलावा महिषासुर मर्दिनी, चतुर्भुजी देवी, हिरण्याकश्यप, नरसिंह की मूर्तियां भी हैं।
  • मंदिर की तीं दिशाओं- उत्तर, पश्चिम और दक्षिण भागों पर जालियों की शानदार कारीगरी है।
  • इन जालियों में कुछ प्रकोष्ठ बने हैं। इन प्रकोष्ठों में हिंदू देवी देवताओं को बैठे हुए देखाया गया है।

निष्कर्ष

एक छोटे से मंदिर में इतनी करी गैरी? ये तो कमाल की बात है। यही बात इस मंदिर को बुंदेलखंड के प्रमुख स्मारकों में से एक बनती है। इसी वजह से ये मंदिर कला प्रेमी या पर्यटक को आकर्षित करता है। यहाँ आने वाला  इस मंदिर की कलात्मकता व सुंदरता में खुद को खो देता है। अतः यहाँ आइए और अपने-आप को जराय के मठ की कलात्मक आकर्षण व अध्यात्म की शांति में खुद को डुबो दीजिए।

Jaray Ka Math Barua Sagar
Jaray Ka Math Barua Sagar
Mueen Akhtar painting in Jaray Ka Math Barua Sagar
Mueen Akhtar painting in Jaray Ka Math Barua Sagar

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