स्वच्छंदतावाद एक कलात्मक, साहित्यिक, संगीतमय और बौद्धिक आंदोलन था। इसे रोमांटिक युग के रूप में भी जाना जाता था। 18वीं सदी के अंत तक यूरोप में स्वच्छंदतावाद की शुरुआत हुई।
हालाँकि, लगभग 1800 से 1850 के बीच अधिकांश क्षेत्रों में स्वच्छंदतावाद अपने चरम पर था। यही वह समय था जब लोगों ने व्यक्तित्व और तार्किक सोच पर जोर दिया। उन्होंने शास्त्रीय नियमों का पालन करना छोड़ दिया था और अब वे मध्यकाल में रुचि लेने लगे थे।
- स्वच्छंदतावाद (Romanticism) का अर्थ
- उत्पत्ति
- स्वच्छंदतावाद कला की विशेषताएँ
- उपलब्धियाँ
- इस आंदोलन के चित्रकार
- प्रसिद्ध कृतियाँ
- निष्कर्ष
स्वच्छंदतावाद (Romanticism) का अर्थ
‘रोमांटिक’ शब्द की उत्पत्ति फ्रांसीसी शब्द ‘रोमांज'(Romanz) से हुई है। इस शब्द का अर्थ है- कल्पना, उपन्यास, परी-कथा या अवास्तविक कहानी। जबकि आधुनिक समय में यह शब्द ज्यादातर प्रेम संबंधों से जुड़ा हुआ है। हालाँकि, जहाँ तक कला में स्वच्छंदतावाद का संबंध है, इसका अर्थ वह कला है जो अतीत की साहसिक और वीर कहानियों पर काम करने पर केंद्रित है।
उत्पत्ति
- चित्रकला की स्वच्छंदतावादी शैली का विकास यूरोप के अनेक देशों में हुआ। फ्रांसीसी क्रांति ने भी इस आंदोलन को प्रभावित किया।
- इस शैली को पीटर पॉल रूबेन्स की कला, दाविद के रेलीफ़ चित्रों के सिद्धांतों और रंगों के भावनात्मक पहलू के संयोजन से साथ विकसित किया गया।
- स्वच्छंदतावाद की शैली बौद्धिकता में निहित थी। लोग धर्म और परंपरा से अलग सोचने लगे थे। प्रारंभ में, इस कला का प्रभाव ब्रिटिश द्रश्यचित्र (वास्तुशिल्प) कलाकारों में भी दिखाई दिया। इन कलाकरों में टर्नर और जॉन कॉन्स्टेबल प्रमुख रूप से थे। थे।
- फ़्रान्स में, बैरन एंटोनी ग्रोस, थियोडोर जेरिकोह (Theodore Gericault) और यूजीन देलाक्रा (Eugene Delacroix ) कलाकार थे।
- थियोडोर जेरिकोह (Theodore Gericault) को इस शैली का प्रेरणता माना जाता है। इस शैली का दूसरा प्रमुख चित्रकार देलाक्रा (Eugene Delacroix ) को माना जाता है।
स्वच्छंदतावाद कला की विशेषताएँ
- यह आंदोलन कला, संगीत, साहित्य और बौद्धिकता का आंदोलन था।
- इसने अतीत के भावनात्मक, व्यक्तित्व और गौरवशाली इतिहास को महत्व दिया।
- इस काल के कलाकारों ने शास्त्रीय काल के बजाय मध्यकाल में रुचि ली। उन्होंने पेंटिंग की रोकोको शैली और अन्य शास्त्रीय कला नियमों का पालन करना छोड़ दिया। हालांकि वे अपनी भावनाओं को अपनी कला से व्यक्त करना चाहते हैं।
- फ्रांसीसी क्रांति ने भी इस आंदोलन को प्रेरित किया।
- स्वच्छंदतावाद कलाकारों ने अपनी संवेदनशीलता, गहन भावना और कल्पना, साहसिक प्राकृतिक प्रभाव और पुरानी कहानियों पर काम किया। उन्हें पेंटिंग की नई थीम मिली जैसे- डर, डरावनी, आतंक और खौफ।
- शुरुआत में, स्वच्छंदतावाद के कलाकारों ने उन विषयों को चित्रित करना शुरू कर दिया जो सख्त मर्यादा और शास्त्रीय पौराणिक विषयों के विपरीत थे।
- रोमांटिक चित्रकार विचित्र, दयनीय या असाधारण वीरता का विषय चुनते हैं।
- उन्होंने अपने चित्रों में प्रकाश और छाया के गहरे छायारंगों का इस्तेमाल किया। इंग्लैंड में शुरुआती रोमांटिक कलाकार ने अपनी शक्तिशाली और अद्वितीय दूरदर्शी छवियां विकसित कीं।
उपलब्धियाँ
- इस आंदोलन ने नई चीजों के साथ प्रयोग किया और शास्त्रीय कला के नियमों को तोड़ा।
- इस कला शैली की मुख्य उपलब्धियाँ इसका विषय या विषय-वस्तुएँ हैं।
- पहली बार स्वच्छंदतावाद के चित्रकारों ने अपनी कल्पना और अभिव्यक्ति से पेंटिंग बनाई।
- उन्होंने अपने कार्यों में प्राकृतिक उत्तेजक विस्मय और भव्यता का परिचय दिया।
- हालाँकि, उन्होंने भय, भय और विस्मय के विषय पर चित्र भी बनाए।
- मुझे लगता है कि विषय इस आंदोलन की सबसे बड़ी उपलब्धियां हैं।
- अपने नए विषय के साथ, उन्होंने इसके बाद आने वाले यथार्थवाद के लिए मंच तैयार किया।
इस आंदोलन के चित्रकार
- प्रारंभ में, ब्रिटिश परिदृश्य कलाकारों द्वारा रोमांटिकतावाद को प्रतिबिंबित किया गया था।
- कला की यह शैली यूरोप के अन्य देशों में विकसित हुई।
- लेकिन फ्रांसीसी क्रांति के कारण &. नेपोलियन काल, यह तेजी से लोकप्रिय हो गया।
- बैरन एंटोनी ग्रोस, थियोडोर गेरिकॉल्ट और यूजीन डेलाक्रोइक्स स्वच्छंदतावाद के प्रसिद्ध मुख्य चित्रकार हैं।
- इस अवधि के प्रमुख कलाकारों के बारे में और जानें:
प्रसिद्ध कृतियाँ
- सरदानपलूस की मृत्यु (Death of Sardanapalus-1827) (Eugene Delacroix)
- मेदुसा का बेड़ा (The raft of the Medusa-1819) by Gericault
- लिबर्टी लीडिंग द पीपल (Liberty Leading the People-1830) by Delacroix
- ३ मई (Third of May 1808 by Francisco Goya)
निष्कर्ष
यूरोपीय कला पुनर्जागरण और उच्च पुनर्जागरण व इसके बाद के कला आंदोलनों से काफ़ी समृद्ध हो चुकी थी। इसके बाद के कला वाद जैसे कि – मैनेरिज्म और बारोक शैली ने भी दुनिया को प्रभावित किया। किंतु इन सभी कला आंदोलन एक ही दिशा में चल रहीं थी और वो दिशा धर्म और शास्त्रीय नियमों की थी।
लेकिन स्वच्छंदतावाद ने उसी रास्ते पर चलने से इनकार कर दिया। स्वच्छंदतावादी चित्रकारों ने प्रकृति और कल्पना के साथ नए विषयों और प्रयोगों की शुरुआत की। यही बात इस कला आंदोलन को इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाती है। आगे चल के स्वच्छंदतावाद ने ही यथार्थवाद के लिए आधार तैयार किया।
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अच्छी जानकारी सर🙏🙏
Thank you so much Durgesh ji.
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