थियोडोर जेरिकल्त (Theodore Gericault) स्वच्छंदतावाद कला (Romnticism)इतिहास के मुख्य कलाकार हैं। चित्रकला में उनके काम और योगदान ने स्वच्छंदतावाद के अभियान को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। उनकी रचनाओं को सर्वकालिक महान चित्रों के रूप में जाना जाता है। मेडुसा का बेड़ा पेंटिंग उन प्रसिद्ध महान कृतियों में से एक हैं।
(अगर अब तक आपने स्वच्छंदतावाद कला (Romnticism) नही पड़ा है तो पड़ें- स्वच्छंदतावाद कला (Romnticism))
![Theodore Gericault](https://mueenakhtar.com/wp-content/uploads/2021/08/Theodore-Gericault-482x1024.png)
संक्षिप्त जीवन
उनका जन्म 26 सितंबर 1791 को फ्रांस के रूएन में हुआ था। उन्होंने कार्ले वर्नेट द्वारा कला की परंपरा में शिक्षा प्राप्त की। हालाँकि, उन्होंने पियरे-नारसीस गुएरिन से शास्त्रीय आकृति रचना सीखी। जल्द ही जेरीकॉल्त लौवर में अध्ययन करने का विकल्प भी चुनता है। इस समय के दौरान, उन्होंने रूबेन्स, टाइटन, वेलाज़क्वेज़ और रेम्ब्रांट के चित्रों की नकल की। जेरिकल्त ने घोड़ों के अस्तबल में जा के घोड़ों का अध्ययन किया। वहाँ उन्होंने घोड़ों के शरीर रचना और घोड़ों की विभिन्न मुद्राओं का अध्ययन किया।
अपनी मृत्यु से पहले जेरिकल्त कई महाकाव्य रचनाओं के अध्यंयन में व्यस्त थे। इन रचनाओं के विषय की अगर बात करें तो ‘ओपनिंग ओफ़ स्पेनिश डोर’ व ‘अफ़्रीकन स्लेव ट्रेड’ प्रमुख रूप से हैं। इन विषयों के प्रारम्भिक रेखांकन उनके महत्वकांक्षी प्रयासों को देखाते हैं। अगर वो इन कृतियों को पूरा कर पाते तो शायद आगे चल के वे उनकी महान कृतियाँ बनतीं। किंतु उनके स्वास्थ्य ने उनका साथ नही दिया। घोड़े से गिरने के कारण वह बीमार पड़ गये। साथ में पुराने तपेदिक संक्रमण (TB) ने उन्हें ओर कमजोर बना दिया। अंततः 1824 में पेरिस में लंबे समय तक पीड़ित रहने के बाद इस महान चित्रकार की मृत्यु हो गई।
कला व कलाकृतियाँ
स्वच्छंदतावाद कला के अग्रदूत व प्रमुख चित्रकार जेरिको की कला का स्वच्छंदतावाद आंदोलन में महत्वपूर्ण स्थान है। ये बहुत मेहनती व कला के प्रति समर्पण चित्रकार थे। इनकी कला पर रूबेन्स, टाइटन, वेलाज़क्वेज़ और रेम्ब्रांट जैसे महान चित्रकारों का प्रभाव था। वह चित्रों के विषयों कैन्वस पर उतरने से पहले वास्तविक चीजों, घटनाओं व व्यक्तियों का अध्ययन किया करते थे। घोड़ों के चित्रण में भी उन्हें महारत हासिल थी। उनके द्वारा चित्रित कड़कती बिजली में डरा हुआ घोड़ा ख़ास तौर से प्रसिद्ध है।
फ्रांसीसी क्रांति ने समकालीन घटनाओं के चित्रण की ओर चित्रकारों को बहुत प्रेरित किया था। किंतु , 1815 में नेपोलियन के पतन के बाद, कुछ ही चित्रकार थे जिन्होंने ऐसे विषयों को चित्रित किया। इन कुछ चित्रकारों में एक जेरिकल्त थे। उस समय के वह एक ख़ास व असाधारण चित्रकार थे।
उनका स्वभाव और काम के प्रति उनकी ईमानदारी उन्हें अपने तत्काल चित्रकारों से उन्हें अलग बनती है। मेडुसा के बेड़ा चित्र में उन्होंने सामूहिक नाटकीय संयोजन के बजाय व्यक्तिगत पीड़ा को दिखाने का प्रयास किया। ये शायद उस समय के पहले चित्रकार थे जिन्होंने विक्षिप्त (पागल या मानसिक बीमार) व्यक्तियों के व्यक्ति चित्र बनाए। इसी व्यक्ति चित्रों में उनके द्वारा बनाया गया एक चित्र ‘पागल हत्यारा’ ख़ास प्रसिद्ध है।
![Theodore Gericault](https://mueenakhtar.com/wp-content/uploads/2021/08/the-charging-cuessuer-785x1024.jpeg)
उनकी प्रमुख कलाकृतियाँ इस प्रकार है:
- द चार्जिंग चस्सेर (The Charging Chasseur)
- घायल कवचधारी अश्वारोही (The Wounded Cuirassier)
- मेदुसा का बेड़ा (Story of The Raft of Medusa)
- विक्षिप्त (पागल या मानसिक बीमार) व्यक्तियों के व्यक्ति (Portraits of Insane People)
![Theodore Gericault](https://mueenakhtar.com/wp-content/uploads/2021/08/The-wounded-Cuirassier.jpeg)
![Theodore Gericault](https://mueenakhtar.com/wp-content/uploads/2021/08/Horse-Head.jpeg)
![Théodore_Géricault_-_](https://mueenakhtar.com/wp-content/uploads/2021/08/Théodore_Géricault_-_Portrait_of_a_Kleptomaniac_-_WGA08636.jpeg)
मेदुसा का बेड़ा (The Raft of Medusa)
- स्वच्छंदतावाद कला आंदोलन में इस चित्र का बहुत महत्व है।
- जेरिकल्त द्वारा निर्मित मेदुसा का बेड़ा एक विश्व प्रसिद्ध कला कृति है।
- वैसे तो जेरिकल्त ने ओर भी चित्र बनाए मगर मेदुसा का बेड़ा चित्र का अपना महत्व है।
- मेडुसा की बेड़ा, थियोडोर गेरिकॉल्ट द्वारा 1819 में रचित कृति है।
- यह एक विशाल पेंटिंग (चित्र) है जिसकी लम्बाई 23 फ़ीट लम्बी व 16 फ़ीट ऊँची है।
- इस चित्र में एक जहाज़ की भीषण तबाही से बचे लोगों को एक बेडे पर दिखाया गया है।
- इस बेडे पर लोग भूख से मर रहे थे। गेरिकॉल्ट ने इस चित्र में एक प्राचीन और महान विषय नहीं चुना।
- बल्कि हाल ही में एक भीषण घटना को अपने विशाल चित्र में उतारा।
- इस चित्र में इस घटना की भीषण हादसे की त्रासदी को दिखाया गया है।
- चित्र में भूखे प्यासे लोग अपनों की मौत से दुखी दिख रहे हैं।
- वे लाशों को पकड़े हुए हैं , कटी व सड़ती हुई लाशें व लाशों के टुकड़े को इस चित्र में बनाया गया।
- इस कष्टप्रद विवरण को चित्र में उतार कर जेरिकल्त ने दर्शकों को चकित कर दिया।
मेदुसा का बेड़ा चित्र एक महतवपूर्ण चित्र है। इसके विषय में यदि आप जानना चाहते है कि :
- इस चित्र को बनाने के पीछे क्या खानी थी?
- जेरिकोल्त ने इसे क्यूँ बनाया?
- क्या क्या तैयारी की ?
- इसके प्रदर्शन के बाद लोगों की व सरकार की क्या प्रतिक्रिया थी?
उपरोक्त सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए व इस चित्र से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए यह लेख ज़रूर पड़ें-
मेदुसा का बेड़ा
निष्कर्ष
स्वच्छंदतावाद कला आंदोलन में जितना महत्वपूर्ण स्वयं ये आंदोलन है उतना ही महत्वपूर्ण ये कलाकार भी है। थीयडॉर जेरिकोल्त ने अपनी विषय-वस्तु व कला से स्वच्छंदतावादी आंदोलन को एक नयी दिशा दी। मेदुसा के बेड़ा चित्र के निर्माण में सभी परिस्थितियों का अधायन जेरिकोल्त के द्वारा किया गया। वह पीड़ित लोगों से मिला, पागलों व बीमारों से भी मिल के उनकी मनोदशा समझी। मुर्दों, या कटी हुई लाशों के अध्ययन के लिए वो अपने स्टूडीओ में ये सब चीज़ें लाया। संक्षिप्त में कहा जाये तो जेरिकोल्त ने ना केवल स्वच्छंदतावादी आंदोलन को बल दिया, अपितु यथार्थवाद के लिए भी प्रष्ठ-भूमि तैयार की।
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